Elephant died in kerala 2020 एक हथनी खाने के लिए इंसानों की बस्ती में चली आई इंसानों ने उसे खाना दिया पर उस खाने में बारूद भर दिया हथिनी ने बारूद से भरा फल खा लिया और उसके गले में फट गया कोई इंसान कितना बेरहम हो सकता है उसकाजीता जागता सबूत है यह तस्वीर केरल की एक नदी में खुद को लगभग पूरा डूबा कर खड़ी हुई हथनी एक ऐसे दर्द से
तड़प रही थी जो उसे इंसान पर भरोसा करने के कारण मिला कोई जानता नहीं उस दर्द के साथ करीब 3 दिन ऐसे ही पानी में बताएं वह बिना कुछ खाए नदी में खड़ी रही और फिर इसी नदी में उसने दम तोड़ दिया मौत हुई तो उस वक्त
उसके पेट में उसका बच्चा भी था जो कुछ जन्म लेने वाला था हथिनी के साथ क्रूरता की कहानी इंसानियत को शर्मसार करने वाली है जब वह जंगलों में खाने की तलाश में घूम रही थी तभी कुछ लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ एक अनानास खिला दिया पटाखे उसके मुंह में ही फट गए जिसमें वह बुरी तरह से जख्मी हो गई वन विभाग के मुताबिक
इसके बाद घायल हथनी दर्द से तड़पती रही फिर भी उसने किसी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और जब दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह चुपचाप इस नदी में आते अपने मुंह और सूट को पानी में डालकर खड़ी हो गई उसे लगा कि ऐसा करने से शायद उसे थोड़ी राहत मिल जाए और उसके घाव पर मक्खियां ना बैठे कुछ खा नहीं पा रही थी वह
कमजोर होती गई वन विभाग की टीम उसे पानी से निकालने के लिए दो हाथी लेकर पहुंची लेकिन हथिनी ने किसी को नजदीक नहीं आने से अधिकारियों के कई घंटों की कोशिश बेकार हो गई और आखिरकार उसी पानी में खड़े खड़े
हथनी की मौत हो गई दर्द को किसी इंसान ने भले ही न समझा हो लेकिन इस हाथी को देखिए कैसे वह अपनी स्टूड से मरी हुई हथनी को सहला रहा है करीब 2 मिनट तक वह हाथी ऐसे ही इतनी को शहर आता रहा और उसके बाद वन विभाग की टीम और उसका अंतिम संस्कार किया
तड़प रही थी जो उसे इंसान पर भरोसा करने के कारण मिला कोई जानता नहीं उस दर्द के साथ करीब 3 दिन ऐसे ही पानी में बताएं वह बिना कुछ खाए नदी में खड़ी रही और फिर इसी नदी में उसने दम तोड़ दिया मौत हुई तो उस वक्त
उसके पेट में उसका बच्चा भी था जो कुछ जन्म लेने वाला था हथिनी के साथ क्रूरता की कहानी इंसानियत को शर्मसार करने वाली है जब वह जंगलों में खाने की तलाश में घूम रही थी तभी कुछ लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ एक अनानास खिला दिया पटाखे उसके मुंह में ही फट गए जिसमें वह बुरी तरह से जख्मी हो गई वन विभाग के मुताबिक
इसके बाद घायल हथनी दर्द से तड़पती रही फिर भी उसने किसी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और जब दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह चुपचाप इस नदी में आते अपने मुंह और सूट को पानी में डालकर खड़ी हो गई उसे लगा कि ऐसा करने से शायद उसे थोड़ी राहत मिल जाए और उसके घाव पर मक्खियां ना बैठे कुछ खा नहीं पा रही थी वह
कमजोर होती गई वन विभाग की टीम उसे पानी से निकालने के लिए दो हाथी लेकर पहुंची लेकिन हथिनी ने किसी को नजदीक नहीं आने से अधिकारियों के कई घंटों की कोशिश बेकार हो गई और आखिरकार उसी पानी में खड़े खड़े
हथनी की मौत हो गई दर्द को किसी इंसान ने भले ही न समझा हो लेकिन इस हाथी को देखिए कैसे वह अपनी स्टूड से मरी हुई हथनी को सहला रहा है करीब 2 मिनट तक वह हाथी ऐसे ही इतनी को शहर आता रहा और उसके बाद वन विभाग की टीम और उसका अंतिम संस्कार किया